उत्तराखंड न्यूज़: जैसे जैसे दिन बीतते जा रहे है वैसे वैसे ही इस बात की चिंता बढ़ते जा रही है. इस बचाव अभियान को और तेज करने के लिए अधिकारियों ने फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए पांच योजनाएं बनाई हैं जो बहोत जल्दी शुरू की जा सकती है.
यह घटना उत्तराखंड की है जहा कुछ लोग सुरंग में काम कर रहे थे और अचानक सुरंग ध्वस्त हो जाने से कुल 41 मजदूर 3 हफ्तों से वह फसे हुए है. इस घबर से मजदूरो के परिवार जन बहोत चिंतित है और सराकर ने भी जल्द से जल्द सभी मजदूरो को निकलने की आशा जताई है.
41 मजदूरो को अब फसे हुए पांच सप्ताह से भी अधिक समय हो गया है. ऐसे में बचावकर्मी उन्हें निकालने के लिए विभिन्न योजनाओं पर लगातार काम कर रहे हैं। अधिकारी अब मजदूरो को मिकालने के लिए एक चैनल बनाने के लिए ऊपर से सुरंग बनाने की कोशिश कर रहे है ताकि अंदर प्रवेश करने का प्रयास कर सके.
अधीकारी और सरकर के कुछ लोग लगाताल मजदूरो से बात चित कर रहे है, उन्हें छह इंच के पाइप के माध्यम से गर्म भोजन और पानी दिया जा रहा है और उन्हें एक और पाइप से ऑक्सीजन भी दिया जा रहा है. इसी पाइप के माध्यम से मजदूरो की जांच के लिए एक एंडोस्कोपिक कैमरे का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि सभी मजदूरों के स्वस्थ की भी जांच हो सके.
अधिकारियों के अनुसार बचावकर्मी पांच योजनाओं पर काम कर सकते है.
1. ऊपर से छेद करके
अधिकारियों के अनुसार जहा पर मजदुर फसे हुऐ है वहा से 90 मीटर की दूरी पर एक सुरक्षित स्थान को चिंतित करके सीधा 1.2 मीटर चौड़ा गड्ढा किया जाये जो की सीधा मजदुरो तक पहुंचे और उन्हें सुरक्षित निकला जा सके. इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी सतलुज जल विद्युत निगम को दी गई थी और खुदाई शुरू करने वाली पहली मशीन साइट पर पहुंच चुकी है। अगले दो-तीन दिन में गुजरात और ओडिशा से दो और मशीनें पहुंचने की उम्मीद है।
2. ऑगुर मशीन का उपयोग कर बोरिंग करके (Using augur machine)
मलबे के माध्यम से 22 मीटर की खुदाई के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड की टीम को एक रूकावट का समना करना पड़ा और उन्होंने खुदाई बंद करके और दूसरी साइड से ड्रिलिंग का काम सुरु कर दिया है.
3. किनारे की तरफ से ड्रिलिंग
हर संभव प्रयास और उपाय के किये रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को बाईं ओर से माइक्रो-ड्रिलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस ऑपरेशन के लिए नासिक और देही से मशीनरी भेजी गई है. यह क्षैतिज सुरंग 1.2 मीटर चौड़ी और 168 मीटर लंबी होगी।
4. ऊपर से एक और खड़ी सुरंग
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को सिल्क्यारा की ओर से 2.3 किमी के निशान पर सुरंग के अंत में एक और ऊर्ध्वाधर सुरंग खोदने का काम सौंपा गया है। यह सुरंग लगभग 325 मीटर गहरी होगी और इस ऑपरेशन के लिए मैकबाइन अमेरिका, मुंबई और गाजियाबाद से लाई गई थीं।
5. सुरंग के दूसरे छोर से बचाव सुरंग
पारंपरिक ड्रिल और ब्लास्ट विधि का उपयोग करके टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा सुरंग के बड़कोट छोर से 483 मीटर लंबी लेकिन संकरी सुरंग बनाई जाएगी।